महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे ने स्टैंड-अप कॉमेडियन कुणाल कामरा की विवादित टिप्पणी पर पहली बार प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि आलोचना की भी एक सीमा होती है, नहीं तो क्रिया की प्रतिक्रिया अवश्य होती है।
महाराष्ट्र की राजनीति में इस समय बड़ा बवाल मचा हुआ है। विवाद की जड़ में हैं मशहूर स्टैंड-अप कॉमेडियन कुणाल कामरा, जिन्होंने महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम और शिवसेना प्रमुख एकनाथ शिंदे को लेकर कटाक्ष किया था। इसके बाद न सिर्फ शिवसेना कार्यकर्ताओं ने तोड़फोड़ की, बल्कि मुंबई पुलिस ने कामरा को समन भी जारी कर दिया है। इस पूरे विवाद पर अब एकनाथ शिंदे का बयान सामने आया है।
क्या बोले एकनाथ शिंदे?
बीबीसी मराठी के एक कार्यक्रम में एकनाथ शिंदे ने इस विवाद पर खुलकर बात की। उन्होंने कहा:
“अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता सभी को है, लेकिन इसकी भी एक सीमा होती है। यह किसी के खिलाफ सुपारी लेकर बोलने जैसा है। अगर सामने वाला व्यक्ति अपनी भाषा और शब्दों की मर्यादा नहीं रखेगा, तो क्रिया की प्रतिक्रिया अवश्य होगी।”
शिंदे ने आगे कहा कि उन्हें आलोचना से कोई दिक्कत नहीं, लेकिन वह इस तरह के व्यंग्य को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता नहीं मानते।
क्या एकनाथ शिंदे ने शिवसेना कार्यकर्ताओं की तोड़फोड़ का समर्थन किया?
जब उनसे पूछा गया कि उनके पार्टी कार्यकर्ताओं द्वारा की गई तोड़फोड़ पर वह क्या सोचते हैं, तो उन्होंने जवाब दिया:
“मैं हिंसा का समर्थन नहीं करता, लेकिन जो हुआ वह एक्शन की रिएक्शन था। मेरे कार्यकर्ताओं को मुझसे ज्यादा सहनशील नहीं होने की उम्मीद नहीं की जा सकती।”
क्या कहा था कुणाल कामरा ने?
कुणाल कामरा ने मुंबई के हैबिटेट स्टूडियो में परफॉर्मेंस के दौरान फिल्म ‘दिल तो पागल है’ के एक गाने को संशोधित कर एकनाथ शिंदे पर कटाक्ष किया था। उन्होंने ‘गद्दार’ शब्द का इस्तेमाल किया, जो शिंदे गुट के लिए काफी आपत्तिजनक माना गया। इसके बाद शिवसेना कार्यकर्ताओं ने मुंबई के यूनिकॉन्टिनेंटल होटल के बाहर प्रदर्शन किया और क्लब व होटल परिसर में तोड़फोड़ की।
पुलिस ने कुणाल कामरा को भेजा समन
मुंबई पुलिस ने कामरा के खिलाफ FIR दर्ज कर ली है। उन पर भारतीय दंड संहिता की धारा 353(1)(बी) (सार्वजनिक उपद्रव संबंधी बयान) और 356(2) (मानहानि) के तहत मामला दर्ज किया गया है।
सूत्रों के मुताबिक:
- कुणाल कामरा फिलहाल महाराष्ट्र से बाहर हैं।
- मुंबई पुलिस ने WhatsApp और ईमेल के जरिए उन्हें नोटिस भेजा है।
- उनके मुंबई स्थित घर पर भी नोटिस की फिजिकल कॉपी भेजी गई है।
क्या राजनीति से प्रेरित है यह विवाद?
इस मामले पर उद्धव ठाकरे गुट ने खुलकर कुणाल कामरा का समर्थन किया है और इसे शिवसेना की बदले की राजनीति बताया है।
वहीं, बीजेपी और शिंदे गुट का कहना है कि व्यंग्य की भी एक सीमा होनी चाहिए और अगर कोई नेता सार्वजनिक रूप से अपमानजनक टिप्पणियां सहता है, तो कार्यकर्ताओं की प्रतिक्रिया स्वाभाविक है।