संक्षिप्त विवरण:
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने म्यांमार में आए विनाशकारी भूकंप के बाद वहां के सेना प्रमुख मिन आंग ह्लाइंग से बातचीत की और मदद का आश्वासन दिया। भारत ने ऑपरेशन ब्रह्मा के तहत 15 टन राहत सामग्री भेजी है।
मुख्य लेख:
शुक्रवार को म्यांमार और उसके पड़ोसी देश थाईलैंड में भूकंप के जोरदार झटके महसूस किए गए, जिससे भारी तबाही मची। इस प्राकृतिक आपदा के चलते 1000 से अधिक लोगों की मौत हो गई, जबकि 1700 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं। इस भूकंप की तीव्रता 7.7 रिक्टर स्केल पर दर्ज की गई थी, जिसका केंद्र मांडले के पास था।
इस भयावह स्थिति को देखते हुए भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने म्यांमार के सेना प्रमुख जनरल मिन आंग ह्लाइंग से बात की और उन्हें भरोसा दिलाया कि भारत इस कठिन समय में उनके साथ खड़ा है।
पीएम मोदी का बयान – “भारत आपके साथ खड़ा है”
प्रधानमंत्री मोदी ने इस बातचीत के बाद सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर एक पोस्ट साझा किया। उन्होंने लिखा:
“म्यांमार के वरिष्ठ जनरल मिन आंग ह्लाइंग से बात की। विनाशकारी भूकंप में हुई मौतों पर अपनी गहरी संवेदना व्यक्त की। एक करीबी मित्र और पड़ोसी देश के रूप में भारत इस कठिन समय में म्यांमार के लोगों के साथ एकजुटता से खड़ा है। ऑपरेशन ब्रह्मा के तहत आपदा राहत सामग्री, मानवीय सहायता, खोज और बचाव दल को प्रभावित क्षेत्रों में तेजी से भेजा जा रहा है।”
भारत ने भेजी राहत सामग्री
भारत ने ऑपरेशन ब्रह्मा के तहत 15 टन राहत सामग्री भेजी है, जिसमें शामिल हैं:
✅ टेंट और स्लीपिंग बैग
✅ कंबल और खाने के पैकेट
✅ वॉटर प्यूरीफायर और हाइजीन किट
✅ सोलर लैंप और जनरेटर सेट
✅ पैरासिटामोल, एंटीबायोटिक्स, सीरिंज, दस्ताने और पट्टियां
यह राहत सामग्री भारतीय वायुसेना (IAF) के C-130J सुपर हरक्यूलिस विमान के जरिए हिंडन एयरबेस से म्यांमार भेजी गई है।
भूकंप से भारी तबाही – 1000 से ज्यादा मौतें
म्यांमार में आए इस भूकंप ने इमारतों, पुलों और बांधों को भारी नुकसान पहुंचाया। थाईलैंड की राजधानी बैंकाक में एक निर्माणाधीन बहुमंजिला इमारत गिरने का वीडियो भी सामने आया है।
अब तक:
📍 1000 से अधिक लोग मारे गए
📍 1700 से ज्यादा लोग घायल
📍 रिक्टर स्केल पर तीव्रता – 7.7
📍 कई आफ्टरशॉक्स महसूस किए गए
भारत की मानवीय पहल – पड़ोसी धर्म निभाया
भारत हमेशा से आपदा राहत और मानवीय सहायता में अग्रणी रहा है। हाल के वर्षों में, भारत ने नेपाल, तुर्की, अफगानिस्तान, श्रीलंका और भूटान जैसी कई देशों की प्राकृतिक आपदाओं में मदद की है।
म्यांमार के साथ भारत के घनिष्ठ संबंध हैं, और इस संकट के समय भारत ने एक बार फिर ‘पहले पड़ोसी’ नीति को मजबूत किया है।
क्या भारत आगे और मदद भेजेगा?
संभावना है कि भारत की ओर से अतिरिक्त राहत सामग्री और मेडिकल टीमें भेजी जाएंगी। भारतीय विदेश मंत्रालय और आपदा प्रबंधन एजेंसियां लगातार हालात पर नजर बनाए हुए हैं।